विक्रमादित्य मोतवाने की फिल्म ट्रैप्ड समीक्षकों को भले ही प्रभावित कर रही हो लेकिन बॉक्स ऑफिस पर इसका प्रदर्शन औसत ही रहा है। 17 मार्च को रिलीज हुई फिल्म ने अभी तक कुल साढे चार करोड़ का कारोबार किया है। फिल्म की ओपनिंग बहुत खराब रही थी और अपने रिलीज के दिन ये केवल 31 लाख रुपये कमा पायी थी। फिल्म की लागत कुल 2.30 करोड़ रुपये ही थी इसलिए इसे सफल तो माना जा सकता है लेकिन पीकू, पान सिंह तोमर, विक्की डोनर, दम लगा के हईशा जैसी स्माल बजट फिल्मों के तरह बॉक्स ऑफिस पर ये धमाल नहीं मचा पा रही है।
राजकुमार राव की मुख्य भूमिका वाली फिल्म सर्वाइवल थ्रिल है। पिछले कुछ सालों में विश्व सिनेमा में आई कई सर्वाइल थ्रिलर की तुलना में ट्रैप्ड औसत लगती है लेकिन भारत में इस तरह की फिल्मों के कम बनने के कारण एक खास वर्ग को फिल्म बेहत पसंद आ रही है।
फिल्म का मुख्य किरदार शौर्य (राजकुमार राव) एक बहुमंजिला इमारत की सबसे ऊपर मंजिल में दुर्घटना वश कैद हो जाता है। वहां न बिजली है न पानी और न ही खाने का सामान। वो अपनी जान कैसे बचाता है और किस तरह एक हफ्ता उस फ्लैट में बंद रहकर खुद को जिंदा रखता है, फिल्म का केंद्रीय विषय यही है। फिल्म में राव का साथ दिया है गीतांजलि थापा ने।
अगर आप कुछ अलग हटकर देखना चाहते हैं तो फिल्म देख सकते हैं। अगर आपको हल्के-फुल्के मनोरंजन की दरकार है तो ये फिल्म आपको बोझिल लग सकती है। निर्देशक विक्रमादित्य मोतवाने के लिहाज से ये फिल्म उनकी पिछली फिल्म लुटेरा से काफी बेहतर है। फिल्म के लेखक हैं अमित जोशी और हार्दिक मेहता।