
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले की जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुशांत सिंह के केस की जांच सीबीआई करेगी.
सुप्रीम कोर्ट का फैसला आते ही बीजेपी ने महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा. बीजेपी नेता किरीट सौमेया ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की.
किरीट सौमेया ने कहा कि सुशांत मामले में सही तरीके से काम नहीं करने के चलते महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. मुंबई पुलिस ने इतने दिनों तक एफआईआर क्यों दर्ज नहीं किया? इसका उनको जवाब देना चाहिए.
आगे कहते हैं “अब सुशांत और उनके परिवार को न्याय मिलेगा.”
Ab to Thackeray Sarkar ki Dadagiri Khatam Hogi. Anil Deshmukh should resign in #SushantSingRajput case @BJP4Maharashtra @BJP4India pic.twitter.com/VRkyN5X0GD
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) August 19, 2020
बीजेपी प्रवक्ता और विधायक रामकदम ने शिवसेना की खूब आलोचना की. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार का अहंकार टूट गया. अब उन्हें माफी मांगनी चाहिए. पता नहीं शिवसेना किस बड़े नेता को बचाने की कोशिश कर रही है.
वहीं राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा कि महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य है जहां कानून का राज्य है. यहां सिर्फ सत्य की जीत होती है और हर किसी को न्याय मिलता है.
आगे कहते हैं “मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र शासन के लिए कानून से ऊपर कोई नहीं है.”
Supreme Court has given its verdict, it is not right to make political comments. Our state's justice system has always been one of the best in the country, no one is above law here & to provide justice to all has been the norm: Sanjay Raut, Shiv Sena #SushanthSinghRajputCase https://t.co/bmo1iiOlnm
— ANI (@ANI) August 19, 2020
एनसीपी नेता शरद पवार के पोते पार्थ पवार ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा,
“सत्यमेव जयते.”
सत्यमेव जयते!
— Parth Pawar (@parthajitpawar) August 19, 2020
संजय निरूपम ने भी कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर की. उन्होंने शिवसेना पर निशाना साधते हुए लिखा कि सुशांत मामले की जांच में महाराष्ट्र सरकार ढीलाई बरत रही थी.
बता दें सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बिहार के पटना में दर्ज एफआईआर कानून के मुताबिक सही है. कोर्ट ने यह भी कहा कि मुंबई पुलिस ने सही से जांच नहीं की.
महाराष्ट्र सरकार ने पटना में दर्ज एफआईआर का यह कहते हुए विरोध किया है कि ये जांच मुंबई पुलिस को करनी चाहिए. बिहार पुलिस को इस मामले में जांच करने का कोई अधिकार नहीं है.
सुशांत मामले की छानबीन के लिए सीबीआई की SIT टीम मुंबई रवाना होगी.
सुप्रीम कोर्ट में कुछ दिन पहले बिहार पुलिस और सुशांत के परिवार वालों की तरफ से लिखित जवाब और दलीलें पेश की गईं थीं.
रिया चक्रवर्ती की ओर से भी लिखित दलील पेश की गई. इसमें कहा गया कि सुशांत की मौत मामले से उसका कोई लेना-देना नहीं है. पटना में दर्ज केस गलत है. यह बिहार पुलिस का जूरिडिक्शन नहीं है और इस तरह सीबीआई को केस ट्रांसफर करना भी सही नहीं है. अपनी लिखित दलील में रिया की तरफ से ये भी कहा गया है कि बिहार पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया और केस सीबीआई को दे दिया गया, ये सब बिना जूरिडिक्शन के हुआ है. ऐसे में मामले को मुंबई ट्रांसफर किया जाए.
बता दें अभिनेता सुशांत सिंह की 14 जून को उनके मुंबई स्थित बांद्रा के अपार्टमेंट में मौत हो गई थी. इसकी जांच मुंबई पुलिस कर रही थी. हालांकि अब यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है.
सुशांत के पिता के. के. सिंह ने रिया के खिलाफ बिहार पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. सुशांत के परिवार ने जो रिया चक्रवर्ती के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया, उसके मद्देनजर ईडी यह कार्यवाई कर रही है. कुल 15 करोड़ रुपये के लेनदेन के मामले की जांच कर रही है.
अभिनेता की मौत से पहले सुशांत और रिया एक रिश्ते में थे. सुशांत के पिता ने रिया के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं, जिसमें उनके बेटे से पैसे लेना और मीडिया को उसकी मेडिकल रिपोर्ट का खुलासा करने की धमकी देना भी शामिल है. सुशांत के परिवार ने रिया पर सुशांत को उनसे दूर रखने का भी आरोप लगाया है.
प्रवर्तन निदेशालय कुल 15 करोड़ रुपये के लेनदेन के मामले की जांच कर रही है, जो कथित तौर पर सुशांत सिंह की ‘आत्महत्या’ से संबंधित है. इस मामले में ईडी रिया से पूछताछ कर रही है.
बिहार के पटना के राजीवनगर थाना में सुशांत के पिता के.के.सिंह ने 25 जुलाई को मामला दर्ज कराने के बाद हरकत में आई पटना पुलिस की चार सदस्यीय टीम 27 जुलाई को मामले की जांच करने मुंबई गई थी.
इसके बाद पटना के सिटी एसपी विनय तिवारी को भी मुंबई भेजा गया था, मुंबई पहुंचते ही उन्हें बीएमसी ने क्वारंटीन कर दिया गया था.
बीएमसी की इस हरकत का बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निंदा की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह अच्छा नहीं हुआ. बिहार पुलिस सिर्फ अपना काम कर रही है.
इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के विधायक अतुल भातखलकर ने गंभीर आरोप लगाते हुए इसकी सीबीआई से जांच करवाने की मांग की थी. इसको लेकर उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र भी लिखा था.
पत्र में भातखलकर ने लिखा था कि मुंबई में रहने वाले महाराष्ट्र सरकार के एक युवा मंत्री के हित, इस मामले से जुड़े हैं. इसीलिए मुंबई पुलिस इस मामले की ठीक से जांच नहीं कर रही है.
इससे पहले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी लंबे समय से सीबीआई से सुशांत की आत्महत्या के मामले की छानबीन करने की मांग कर रहे थे. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने सुशांत की मौत के मामले पर मुंबई पुलिस पर सही तरह से जांच न करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था कि मुंबई पुलिस अंडरवर्ल्ड के इशारों पर काम कर रही है.
महाराष्ट्र राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए लिखा था कि बड़ी संख्या में लोग चाहते हैं कि सुशांत की मौत के मामले की छानबीन केंद्रीय जांच ब्यूरो करे, लेकिन राज्य सरकार की इच्छा ऐसी नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई से पहले ही बिहार सरकार ने केस सीबीआई को सौंपने की सिफारिश कर दी. इसे केंद्र सरकार ने मान लिया था. सीबीआई ने जांच के लिए एफआईआर भी दर्ज कर लिया था.
महाराष्ट्र सरकार और रिया चक्रवर्ती ने सीबीआई की तरफ से दर्ज की गई एफआईआर को मुंबई पुलिस को सौंपने की मांग की गई. सुशांत के पिता और बिहार सरकार ने इसका विरोध किया. सुशांत के पिता की तरफ से दर्ज एफआईआर में रिया के ऊपर सुशांत को परेशान करने, उसके करोड़ों रुपए रुपयों का गबन करने और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया था.