मखाने को ‛बिहार मखाना’ के नाम से जीआइ टैगिंग के खिलाफ मिथिला क्षेत्र के निवासियों और प्रवासियों में जबरदस्त आक्रोश दिख रहा है. उनका तर्क है कि विश्व के 90 फीसद मखाने का उत्पादन मधुबनी, दरभंगा, पूर्णिया, कटिहार, सितामढ़ी, सहरसा, सुपौल, अररिया और किशनगंज समेत मिथिलांचल इलाके में होता है. तो फिर उसका नाम ‛बिहार मखाना’ क्यों, जबकि वर्षों से इसे ‘मिथिला मखान’ के रूप में लोग जानते हैं!
मैथिलीभाषी और मिथिलावासी सोशल मीडिया क्रांतिकारियों के इस मसले पर अपने-अपने तर्क हैं लेकिन आप जानते हैं, इसी नाम से बनी मैथिली की एक फिल्म स्पॉन्सर ना मिलने के कारण रिलीज नहीं हो पा रही है.
जी हां! हम बात कर रहे हैं 63वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों में सर्वश्रेष्ठ मैथिली फिल्म का पुरस्कार जीत चुकी ‛मिथिला मखान’ की।
मिथिला मखान राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से पुरस्कृत हो चुकी है. मैथिलों की उदासीनता के कारण मैथिली संस्कृति, परंपरा और उत्पादन के बारे में लोग कम जानते हैं। ऐसे में ‛मिथिला मखान’ फिल्म सांस्कृतिक संचार का एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
अनुरीता झा, क्रांति प्रकाश झा, पंकज झा, प्रेमलता मिश्र प्रेम, गोविंद पाठक अभिनीत इस फिल्म के निर्माता बॉलीवुड अभिनेत्री नीतू चंद्रा, नितिन नीरा चंद्रा और समीर हैं. फिल्म का निर्देशन ‘नितिन नीरा चंद्रा’ ने किया है।
नितिन चंद्रा ने ही फिल्म की पटकथा और डायलॉग लिखा है।
फिल्म के गीतों को उदित नारायण झा, सुरेश वाडेकर, सोनू निगम और वंदना भारद्वाज ने स्वरबद्ध किया है। अविनाश दास, विवेक रंजन, विभा रानी और अशोक दत्त के लिखे गीतों को संगीत दिया है आशुतोष सिंह ने।
फिल्म की कहानी बिहार के पलायन, पलायन के कारण तथा पुनः बिहार में लौटने के सिलसिले पर आधारित है।
कहानी कनाडा से शुरू होती है। फिल्म का मुख्य नायक क्रांति प्रकाश कनाडा में रहता है जो कई वर्षों बाद अपने गांव आता है। जहां मखाने का व्यवसाय शुरू करता है।
‘मिथिला मखान’ इस व्यवसाय को शुरू करने के कारणों और स्थापित करने के संघर्षों पर आधारित फिल्म है।
फिल्म की मुख्य नायिका अनुरिता झा हैं जो मैथिली के किरदार में हैं जबकि प्रतिद्वंद्वी व्यवसायी की भूमिका में अभिनेता पंकज झा हैं। पंकज झा इससे पहले ‘गुलाल’, ‘ब्लैक फ्राइडे’, ‘अनवर’, ‘मातृभूमि’, ‘हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी’, ‘कंपनी’, ‘मानसून वेडिंग’ सहित कई चर्चित फिल्मों में काम कर चुके हैं।
मिथिलांचल के विभिन्न इलाकों के अलावे फिल्म की शूटिंग अमेरिका, कनाडा और नेपाल में हुई है।
Coming from Bihar and being the producer of National Awarded Maithili Film “Mithila Makhaan”, I support GI Tag for Makhaana. Makhaana is quintessential super food from Bihar and Mithila is its legitimate origin. I demand and Support @DoC_GoI @PMOIndia @NitishKumar @yadavtejashwi
— Neetu Chandra Srivastava (@Neetu_Chandra) August 24, 2020
लेकिन विडंबना यह है कि 2016 में बनी ‛मिथिला मखान’ अबतक रिलीज नहीं हो सकी है. इस सम्बंध में नितिन नीरा चंद्रा बताते हैं, “फिल्म बनाना एक बात है और रिलीज करना दूसरी बात. फिल्म को रिलीज करने में संसाधन की आवश्यकता होती है और संसाधन के लिए धन आवश्यक है। अगर गौर करे तो मिथिला मखान का रिलीज ना होना और मैथिली सिनेमा इंडस्ट्री का विकास ना होना, दोनों का एक ही कारण है। गैर हिंदी सिनेमा, भारत में उस समाज द्वारा ही बढ़ाया जाता है जिसकी भाषा में सिनेमा होता है। इसमें मैथिली भाषियों को आगे आने की विशेष जरूरत है। अगर समाज आगे बढ़ेगा तभी अन्य भाषाई फिल्मों की तरह मैथिली सिनेमा भी इंडस्ट्री के रूप में स्थापित हो सकेगा।”
निर्माता नितिन चंद्रा ने बताया कि अक्टूबर में इस फिल्म को www.bejod.in पर उपलब्ध होने की संभवना है। फिल्म की एक गीत, जिसे हरिहरन ने गाया है वह भी इस वेबसाइट पर उपलब्ध है।
सामाजिक, आर्थिक, साहित्यिक रूप से समृद्ध मैथिलीभाषियों को जानकर हैरानी होगी कि Amazon prime, zee5, hotstar ने इस फिल्म को रिलीज करने से इसलिए मना कर दिया क्योंकि उन्हें पता नहीं था कि मैथिली इतनी समृद्ध भाषा है।