हिन्दी फ़िल्मों की अग्रणी कोरियाग्राफर (नृत्य निर्देशक) सरोज ख़ान का शुक्रवार सुबह 71 साल की उम्र में हृदय गति रुक जाने के कारण मुंबई में निधन हो गया।
सरोज ख़ान को साँस की शिकायत की वजह से मुंबई के गुरु नानक अस्पताल में 17 जून को भर्ती कराया गया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार शुक्रवार (3 जुलाई) को सुबह 1.52 पर उनका देहांत हो गया।
बॉलीवुड के दर्जनों एवरग्रीन सुपरहिट गानों का डांस डायरेक्शन और कोरियोग्राफी करने वाली सरोज ख़ान को उनके चार दशक से लम्बे फ़िल्मी करियर में तीन बार राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
सरोज ख़ान के निधन पर मिस्टर इंडिया, बैंडिट क्वीन, मासूम और एलिजाबेथ जैसी फ़िल्मों के निर्देशक शेखर कपूर ने श्रद्धांजलि देते हुए लिखा है, “उन्होंने कई पीढ़ियों की हिरोइनों को परिभाषित किया। सरोज ख़ान के बिना मिस्टर इंडिया वैसी नहीं बन पाती जैसी वो बनी। श्रीदेवी के संग डांस की रिहर्सल करते समय आप उन्हें डांस करते देख सकते थे। वो मंत्रमुग्ध कर देती थीं। और कितनी ऊर्जा थी! आप चाहे तो रात भर शूटिंग करे वो मुस्कराती रहती थीं और बिल्कुल तरोताजा डांस करती थीं।”
She defined a generation of heroines. Certainly #MrIndia would not have been same film without #SarojKhan. You had to see her dance as she rehearsed with SriDevi. She was messmerizing.
And what energy! You could shoot all night, yet she smiled and danced constantly fresh. 🙏🏽🙏🏽— Shekhar Kapur (@shekharkapur) July 3, 2020
श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित जैसी अभिनेत्रियों को स्टार डांसर बनाने वाली सरोज ख़ान ही थीं। इन अभिनेत्रियों के ज्यादातर हिट गानों की कोरियाग्राफी सरोज ख़ान ने की थी। सरोज ख़ान की मृत्यु पर माधुरी दीक्षित ने भावुक होकर ट्वीट किया और उन्हें अपना दोस्त और गुरु बताया।
माधुरी दीक्षित को सरोज ख़ान को श्रद्धांजलि
I'm devastated by the loss of my friend and guru, Saroj Khan. Will always be grateful for her work in helping me reach my full potential in dance. The world has lost an amazingly talented person. I will miss you💔 My sincere condolences to the family. #RIPSarojji
— Madhuri Dixit Nene (@MadhuriDixit) July 3, 2020
1983 में रिलीज हुई फ़िल्म तेजाब माधुरी दीक्षित की पहली सुपरहिट फ़िल्म थी। सरोज ख़ान के डांस डायरेक्शन वाली इस फ़िल्म के ‘एक दो तीन…’ ने माधुरी दीक्षित को डांसिंग गर्ल की स्टार इमेज दिला दी।
सरोज ख़ान का फ़िल्म डेब्यू और स्टारडम
सरोज ने तीन साल की उम्र से ही फ़िल्मों में बाल कलाकार के तौर पर काम करना शुरू कर दिया था। उनके डांस गुरु थे बी सोहनलाल जिनसे 1961 में उन्होंने विवाह किया। शादी के समय सरोज की उम्र 13 साल और सोहनलाल की उम्र 43 साल थी। सरोज सोहनलाल से चार बाद बाद 1965 में अलग हो गयीं। 1975 में सरोज ने कारोबारी सरदार रोशन ख़ान से दूसरी शादी की।
फ़िल्मी दुनिया में कई सालों तक सहायक कोरियोग्राफर के तौर पर काम करने के बाद 1974 में फ़िल्म सीता मेरा नाम से उन्हें स्वतंत्र कोरियोग्राफर के तौर पर काम मिला। 1980 के दशक में सरोज ख़ान ने हीरो (1983), नगीना (1986), मिस्टर इंडिया (1987), तेज़ाब (1988) और चाँदनी (1989) जैसी फ़िल्मों में डांस डायरेक्शन किया जिनके डांस बेहद लोकप्रिय हुए। इन फ़िल्मों में श्रीदेवी और माधुरी दीक्षित के डांस परफार्मेंस को जिस तरह दर्शकों को प्यार मिला उसके बाद सरोज ख़ान इंडस्ट्री की सबसे चहेती कोरियोग्राफरों में शुमार होती चली गयीं।
सरोज ख़ान सबसे ज्यादा (तीन) राष्ट्रीय पुरस्कार जीतने वाली कोरियाग्राफर रहीं। उन्हें साल 2003 में देवदास, 2006 में श्रृंगारम और 2008 में जब वी मेट के लिए सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफर का राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त हुआ था। सरोज ख़ान आठ बार सर्वश्रेष्ठ कोरियोग्राफर के फ़िल्म फेयर पुरस्कार की विजेता रही थीं।