एक बार तो युं होगा , थोड़ा सा सुकून होगा.. ना दिल में कसक होगी, ना सर में जुनून होगा… यह डायलाग अभिनेता इरफान खान ने अपनी फिल्म सात खून माफ में बोला था …आज वो हमारे बीच नहीं है। बॉलीवुड अभिनेता इरफान खान का आज 53 की उम्र में निधन हो गया है। बुधवार सुबह मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उन्हें करीब एक सप्ताह पहले कोलोन इन्फेक्शन के चलते वहां भर्ती कराया गया था और वे आईसीयू में भर्ती थे।
फिल्ममेकर शूजित सरकार ने इरफान को श्रद्धांजलि देते हुए ट्विटर पर लिखा है, “मेरे प्रिय मित्र इरफ़ान। आप लड़े और लड़े और लड़ते रहे। मुझे आप पर हमेशा गर्व रहेगा .. हम फिर से मिलेंगे .. सुतापा और बाबिल के प्रति संवेदना .. आपने भी लड़ाई लड़ी, सुतापा आपने इस लड़ाई में हर संभव मदद की। ओम शांति। इरफान खान को सलामी।”
फिल्ममेकर शूजित सरकार ने इरफान को श्रद्धांजलि देते हुए ट्विटर पर लिखा है, “मेरे प्रिय मित्र इरफ़ान। आप लड़े और लड़े और लड़ते रहे। मुझे आप पर हमेशा गर्व रहेगा .. हम फिर से मिलेंगे .. सुतापा और बाबिल के प्रति संवेदना .. आपने भी लड़ाई लड़ी, सुतापा आपने इस लड़ाई में हर संभव मदद की। ओम शांति। इरफान खान को सलामी।”
My dear friend Irfaan. You fought and fought and fought. I will always be proud of you.. we shall meet again.. condolences to Sutapa and Babil.. you too fought, Sutapa you gave everything possible in this fight. Peace and Om shanti. Irfaan Khan salute.
— Shoojit Sircar (@ShoojitSircar) April 29, 2020
इरफान खान की माता का चार दिन पहले हो चुका था इंतकाल
इरफान खान राजस्थान के टोंक के नवाबी खानदान से ताल्लुक रखते थे। उनका बचपन भी टोंक में ही गुजरा। उनके माता-पिता दोनों टोंक के ही रहने वाले थे। आज भी उनके रिश्तेदार और परिवार के कई लोग टोंक में रहते हैं जो उनकी सेहत की दुआएं कर रहे हैं। अभी चार दिन पहले (शनिवार को) ही उनकी की 95 वर्षीय मां सईदा बेगम का जयपुर में इंतकाल हुआ था। उसमें भी इरफान खान तबीयत खराब होने के कारण अपनी मां से मिलने नहीं जा सके थे।
न्यूरोएंडोक्राइन नामक कैंसर से जूझ रहे थे इरफान
मार्च 2018 में इरफान खान न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर का इलाज कराने लंदन गए थे। वहां वे करीब एक साल रहे और ठीक होने के बाद अप्रैल 2019 में भारत लौटे। वापसी के बाद उन्होंने अपनी फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ की शूटिंग राजस्थान में शुरू की और फिर आगे के शेड्यूल के लिए लंदन चले गए थे, जहां वे डॉक्टर्स के संपर्क में भी रहे। इसके बाद से वे अक्सर डॉक्टर्स का परामर्श लेने लंदन आते-जाते रहे। हालांकि, पिछले डेढ़ महीने से लॉकडाउन घोषित है और सभी इंटरनेशनल फ्लाइट्स भी रद्द हैं। इसलिए वे मुंबई से बाहर नहीं जा पाए थे।
आखिरी बार अंग्रेजी मीडियम में दिखे थे इरफान
इरफान खान आखिरी बार ‘अंग्रेजी मीडियम’ में नजर आए थे, जो 13 मार्च को रिलीज हुई थी। हालांकि, लॉकडाउन के चलते यह फिल्म सिर्फ दो दिन ही सिनेमाघरों में चल पाई। फिल्म के ट्रेलर रिलीज से पहले इरफान ने फैन्स के लिए यू-ट्यूब पर अपना इमोशनल मैसेज छोड़ा था। उन्होंने कहा था, “हैलो भाइयों-बहनों, नमस्कार। मैं इरफान। मैं आज आपके साथ हूं भी और नहीं भी। खैर, ये फिल्म ‘अंग्रेजी मीडियम’ मेरे लिए बहुत खास है। सच…यकीन मानिए, मेरी दिली ख्वाहिश थी कि इस फिल्म को उतने ही प्यार से प्रमोट करूं, जितने प्यार से हम लोगों ने बनाया है। लेकिन मेरे शरीर के अंदर कुछ अनवांटेड मेहमान बैठे हुए हैं। उनसे वार्तालाप चल रहा है। देखते हैं किस करवट ऊंट बैठता है। जैसा भी होगा आपको इत्तिला कर दी जाएगी।”
इरफान खान की चुनिंदा फिल्में और सम्मान
इरफान ने ‘मकबूल’, ‘लाइफ इन अ मेट्रो’, ‘द लंच बॉक्स’, ‘पीकू’, ‘तलवार’ और ‘हिंदी मीडियम’ जैसी शानदार फिल्मों में काम किया था। उन्हें ‘हासिल’ (नेगेटिव रोल), ‘लाइफ इन अ मेट्रो’ (बेस्ट एक्टर), ‘पान सिंह तोमर’ (बेस्ट एक्टर क्रिटिक) और ‘हिंदी मीडियम’ (बेस्ट एक्टर) के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला। ‘पान सिंह तोमर’ के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड दिया गया था। इसके अलावा कला के क्षेत्र में उनके अहम योगदान के लिए भारत सरकार उन्हें देश का चौथा सबसे बड़ा सम्मान पद्मश्री भी दे चुकी है।