मलयालम लेखक केपी रमनउन्नी को कुछ अज्ञात लोगों ने छह महीने के अन्दर धर्म न बदलने पर हाथ-पैर काटने की धमकी दी है। केरल साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता लेखक के कोझीकोड़ स्थित घर पर पहुँचे एक पत्र में कहा गया है कि वो या तो इस्लाम स्वीकार कर ले या प्रोफेसर टीजे जोसेफ जैसे अंजाम को तैयार रहे। उपन्यासकार और कहानी लेखक रमनउन्नी ने शुक्रवार (21 जुलाई) को पुलिस में एफआईआर दर्ज करा दी है। रमनउन्नी को मिले पत्र के अनुसार इस्लामी कट्टरपंथी एक अन्य इस्लामी संगठन जमात-ए-इस्लामी के अखबार माध्यमम में रमनउन्नी के लिए हिन्दू-मुस्लिम एकता पर लिखे लेखों से नाराज हैं। प्रोफेसर टीजे जोसेफ का हाथ इस्लामी कट्टरपंथियों ने साल 2010 में काट दिया था। कट्टरपंथियों ने आरोप लगाया था कि प्रोफेसर जोसेफ ने कॉलेज की आंतरिक परीक्षा में इस्लाम के पैगंबर मोहम्मद पर प्रतिकूल टिप्पणी की थी।
केरल के मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने कहा है कि उनकी सरकार लेखकों और अन्य रचनात्मक लोगों को मिलने वाली धमकियों के प्रति खामोश नहीं बैठेगी और वो कलाकारों की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करेगी। रमनउन्नी के अनुसार ये स्पष्ट नहीं है कि पत्र किसने लिखा है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार रमनउन्नी ने पहले पत्र को नजरअंदाज किया लेकिन फिर अपने दोस्तों के कहने पर पुलिस में शिकायत दर्ज करायी।
धमकी वाले पत्र में आरोप लगाया गया है कि रमनउन्नी को कुछ हालिया लेख मुस्लिम युवाओं को गुमराह करने वाले हैं। पत्र में लिखा गया है, “टीजे जोसेफ की तरह तुम्हारा दायां हाथ और बायां पैर काट दिया जाएगा। तुम्हें मुसलमान बनने के लिए छह महीने दिए जाते हैं। अगर तुमने इस्लाम नहीं स्वीकार किया तो हम तुम्हें अल्लाह की तरफ से सजा देंगे।” पुलिस ने मामले की जाँच शुरू कर दी है। चार जुलाई 2010 को जब टीजे जोसेफ एर्नाकुलम में चर्च से वापस आ रहे थे तो कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया और उनका दायां हाथ काट दिया।
रमनउन्नी को साहित्य अकादमी अवार्ड के अलावा केरल का सम्मानित वायलर पुरस्कार भी मिल चुका है। रमनउन्नी के पहले उपन्यास “सूफी पारंजा कथा” पर फिल्म बन रही है। ये उपन्यास एक मुस्लिम पुरुष और हिन्दू महिला की प्रेम कहानी पर आधारित है।