दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह की मौत के मामले में जमकर राजनीति कर रही है. शिवसेना सांसद संजय राउत ने एक दिन पहले कहा था कि जब तक मुंबई पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, तब तक बाकी सभी को चुपचाप बैठना चाहिए, फिर चाहे कोई राजनीतिक दल हो या फिर सुशांत के परिवार हो. इस वक्त सभी को चुप बैठने की जरुरत है.
संजय राउत के इस बयान से सुशांत के परिवार वाले नाराज हो गए. संजय राउत पर धमकी देने का आरोप लगाने लगे.
हालांकि अब संजय राउत अपने इस बयान पर सफाई दी है. उन्होंने एएनआई को बताया कि उन्होंने किसी को धमकी नहीं दी है. वो खुद चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी सुशांत को न्याय मिले.
आगे कहते हैं “मैं सुशांत के परिवार वालों से पूरी सहानुभूति रखता हूं. मैंने कल सिर्फ इतना कहा था कि उनके परिवार वालों को धैर्य रखना चाहिए. लेकिन मेरी बातों को गलत तरीके से पेश किया गया.”
वे कहते हैं “मैंने कहा था कि मुंबई पुलिस जांच कर रही है. हम पर भरोसा रखिए. तो क्या यह धमकी है? अगर आपको लग रहा है मुंबई पुलिस सही से जांच नहीं कर रही है तो आप सीबीआई के पास जाइए.”
We have full sympathy for #SushantSinghRajput's family. Yesterday I just said that they should've some patience but it was shown that I've threatened them. Was that a threat? Trust Mumbai Police. If you think they're not doing a good job, then go to CBI: Sanjay Raut, Shiv Sena pic.twitter.com/AwAR3LAlK1
— ANI (@ANI) August 14, 2020
उन्होंने आगे कहा कि सुशांत हमारे बेटे की तरह था. मुंबई में रहता था. अभिनेता था. बाॅलीवुड, मुंबई का ही परिवार है. फिर आप ही बताओ हमें उससे क्या दुश्मनी होगी?
आगे कहते हैं “मैं सिर्फ इतना चाहता हूं, सुशांत और उनके परिवार को न्याय मिले. इस मामले की सच्चाई सबके सामने आए.”
#SushantSinghRajput was our son. He lived in Mumbai, he was an actor. Bollywood is Mumbai's family. What enmity will we have? Even we want his family to get justice. We want the secret behind his death to come out: Sanjay Raut, Shiv Sena. https://t.co/z7FU5X77gJ
— ANI (@ANI) August 14, 2020
सुशांत मामले की जहां एक ओर बिहार सरकार की तरफ से मांग के बाद इस मामले की जांच सीबीआई कर रही है. इस केस से जुड़े धोखाधड़ी के मामले की जांच ईडी कर रही है. सुशांत की गर्लफ्रेंड रिया चक्रवर्ती से पूछताछ जारी है.
वहीं दूसरी ओर इस मामले पर राजनीति हो रही है. मामला इतना बढ़ गया कि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कुछ दिन पहले पटना में संजय राउत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. इस एफआईआर में बीएमसी और मुंबई पुलिस कमिश्नर का नाम भी शामिल हैं.
साथ ही सुशांत के चचेरे भाई और बीजेपी विधायक बबलू सिंह और सुशांत के परिवार वालों ने सांसद संजय राउत को ईमेल के जरिए कोर्ट का नोटिस भेजा था और माफी मांगने के लिए कहा था.
इस पर संजय राउत ने कहा कि जो कुछ भी लिखा गया है, सभी बातें तथ्य सहित लिखी गई हैं. इंफार्मेंशन के आधार पर लिखा गया है.
आगे कहा कि इस समय सभी को चुपचाप बैठना चाहिए. फिर चाहे सुशांत का परिवार ही क्यों न हो. मुंबई पुलिस जांच कर रही है. उन पर भरोसा रखिए.
दरअसल, संजय ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में सुशांत और उनके पिता केके सिंह के रिश्ते को लेकर सुशांत के पिता पर आरोप लगाया था. राउत ने कहा था कि सुशांत के अपने पिता से मधुर संबंध नहीं थे.
उन्होंने आगे लिखा था कि सुशांत को अपने पिता की दूसरी शादी स्वीकार नहीं थी. इसके अलावा उन्होंने बताया कि सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में दबाव की तरकीब का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो कि पूरी तरह गलत है.
संजय की इस बात से सुशांत का पूरा परिवार भड़क गया था. परिजनों से सुशांत के पिता की दो शादी की बात को भी नकार दिया था. संजय राउत के इस बात के खिलाफ सुशांत को परिवार वालों ने लीगल नोटिस भेजा था.
संजय ने लिखा कि सुशांत मामले में आदित्य ठाकरे का कोई लेना-देना नहीं है. उनको बेवजह बदनाम किया जा रहा है.
वे कहते हैं “सुशांत मामले में राजनीति हो रही है. राजनीति का कारण बिहार चुनाव है. सुशांत मुंबई में रहते थे, इसलिए उनको न्याय दिलाना हमारा काम है. आप लोग चिंता न करें.”
संजय ने लिखा था कि सुशांत की मौत से पहले अभिनेता डिनो मोरिया के घर पर कथित तौर पर हुई एक पार्टी को इस मामले से जोड़ा देखा जा रहा है. मोरिया और आदित्य ठाकरे दोनों अच्छे दोस्त हैं. यदि इस दोस्ती की वजह से ठाकरे को निशाना बनाया जा रहा, तो यह बहुत गलत है.
संजय ने आगे लिखा था कि परदे के पीछे महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ साजिश रची जा रही है. यदि कोई व्यक्ति राजनीतिकरण और दबाव की तरकीब का इस्तेमाल करना चाहता है, तो हमारे देश में कुछ भी हो सकता है. ऐसा लग रहा है कि सुशांत की पटकथा पहले से लिखी गई थी. उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश की गई थी.
उन्होंने कहा कि जब एक घटना को राजनीतिक रंग देने का निर्णय कर लिया गया, तो कोई भी यह नहीं कह सकता कि यह किस हद तक जाएगा और सुशांत राजपूत की दुर्भाग्यपूर्ण आत्महत्या मामले में यही हो रहा है.
इसके अलावा उन्होंने अंकिता लोखंडे पर भी निशाना साधा था. उन्होंने लिखा था कि सुशांत की लाइफ में दो लड़कियां थीं, पहली अंकिता लोखंडे और दूसरी रिया चक्रवर्ती.

अंकिता ने तो सुशांत को छोड़ दिया था, लेकिन रिया जिनपर अभी आरोप लगे हैं वह तो उनके साथ थीं. इस मामले की भी जांच हो कि अंकिता ने सुशांत को क्यों छोड़ा था. ये जानकारी सबके सामने आनी चाहिए.
बता दें सुशांत के पिता के. के. सिंह ने रिया के खिलाफ बिहार पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. सुशांत के परिवार ने जो रिया चक्रवर्ती के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया, उसके मद्देनजर ईडी यह कार्यवाई कर रही है. कुल 15 करोड़ रुपये के लेनदेन के मामले की जांच कर रही है.
अभिनेता की मौत से पहले सुशांत और रिया एक रिश्ते में थे. सुशांत के पिता ने रिया के खिलाफ कई आरोप लगाए हैं, जिसमें उनके बेटे से पैसे लेना और मीडिया को उसकी मेडिकल रिपोर्ट का खुलासा करने की धमकी देना भी शामिल है. सुशांत के परिवार ने रिया पर सुशांत को उनसे दूर रखने का भी आरोप लगाया है.
प्रवर्तन निदेशालय कुल 15 करोड़ रुपये के लेनदेन के मामले की जांच कर रही है, जो कथित तौर पर सुशांत सिंह की ‘आत्महत्या’ से संबंधित है. इस मामले में ईडी रिया से पूछताछ कर रही है.
बिहार के पटना के राजीवनगर थाना में सुशांत के पिता के.के.सिंह ने 25 जुलाई को मामला दर्ज कराने के बाद हरकत में आई पटना पुलिस की चार सदस्यीय टीम 27 जुलाई को मामले की जांच करने मुंबई गई थी.
इसके बाद पटना के सिटी एसपी विनय तिवारी को भी मुंबई भेजा गया था, मुंबई पहुंचते ही उन्हें बीएमसी ने क्वारंटीन कर दिया गया था.
बीएमसी की इस हरकत का बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निंदा की है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यह अच्छा नहीं हुआ. बिहार पुलिस सिर्फ अपना काम कर रही है. इसे राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.