अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में फिर एक बार भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने मुंबई पुलिस, महाराष्ट्र सरकार और बॉलीवुड पर तंज कसा है. उन्होंने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत की हत्या बॉलीवुड, मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र का ‘वॉटरगेट’ और ‘वॉटर लू’ है. यह बातें उन्होंने ट्वीट के जरिए कही.
सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट करते हुए लिखा,
“सुशांत सिंह राजपूत की हत्या बॉलीवुड, मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार का ‘वाॅटर लू’ और ‘वाॅटरगेट’ है. अपना सीट बेल्ट बांध लीजिए और तैयार रहिए. जब दोषी को सजा नहीं मिल जाता, तब तक हम अपनी कोशिश नहीं छोड़ेंगे.”
Sushant Singh Rajput’s murder is Waterloo and Watergate for Bollywood, Mumbai Police and Maharashtra government. Fasten your seat belts as we are. about to take off and bombard & won’t give up till either guilty are brought to justice or justice is brought to the guilty.
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 16, 2020
सुशांत मामले में इससे पहले भी स्वामी ने महाराष्ट्र सरकार को घेरा था. उन्होंने कहा था कि महाराष्ट्र सरकार सुशांत मामले में सही से जांच नहीं होने दे रही है. वो नहीं चाहती कि सुशांत को न्याय मिले.
वो लगातार सुशांत की मौत के मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग करते आए हैं. इसके अलावा उन्होंने बाॅलीवुड के तीन खानों के ऊपर भी निशाना साधा था. सलमान, शाहरुख और आमिर के दुबई कनेक्शन होने की बात कही थी.
बीते सप्ताह स्वामी ने सुशांत के शव का पोस्टमार्टम करने वाले पांच डॉक्टरों को भी आड़े हाथों लिया था. स्वामी ने दिवंगत अभिनेता सुशांत के नौकर की अनुपस्थिति और सुशांत की मौत के बाद दो एंबुलेंस बुलाए जाने को लेकर सवाल खड़ा कर चुके हैं.
क्या है वाॅटरगेट घोटाला ?

ये सिर्फ़ मामूली चोरी का मामला नहीं था बल्कि चोरी करने वाले ख़ुफ़िया कागज़ातों की फ़िल्म बना रहे थे और उनके दफ़्तर में जासूसी के लिए उपकरण लगाए गए थे. अपने निजी लाभ के लिए ऐसा किया गया था. वाॅटरगेट स्कैंडल का खुलासा 17 जून, 1972 को हुआ.
मीडिया में ख़बर आने के बाद मामला अदालत तक पहुंचा. संसदीय समिति ने राष्ट्रपति के ख़िलाफ़ महाभियोग प्रस्ताव लाने का फ़ैसला किया. लेकिन उस पर बहस शुरू होने से पहले ही 9 अगस्त, 1974 को निक्सन ने राष्ट्रपति के पद से इस्तीफ़ा दे दिया. इस मामले में कुल मिलाकर 40 सरकारी अधिकारियों को दोषी पाया गया और उन्हें जेल जाना पड़ा.
वाॅटरगेट कांड एक तरह से दूसरे की निजता में दखलअंदाजी और सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग करते हुए अपने हितों की रक्षा करना था.
अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव हुआ. अमेरिका के नए राष्ट्रपति फोर्ड बने. निक्सन ने इस घोटाले के लिए माफी मांगी. और राष्ट्रपति फोर्ड ने माफी दे दी थी.
क्या था वाॅटरलू का युद्ध ?

वाॅटरलू का युद्ध 18 जून, 1815 में लड़ा गया था. फ्रांस के सम्राट नेपोलियन बोनापार्ट का यह अंतिम युद्ध था. एक तरफ फ्रांस की सेना थी. दूसरी तरफ ब्रिटेन, रूस, प्रशा, आस्ट्रिया और हंगरी की सेना थी. इस युद्ध में नेपोलियन को हार मिली थी.
वाॅटरलू क्षेत्र, बेल्जियम के हिस्से में पड़ता है. इस लड़ाई ने पूरे यूरोप की राजनीति और इतिहास को बदल दिया था. कहा जाता है कि इस युद्ध में ज्वालामुखी विस्फोट भी हुआ था. इस विस्फोट से निकली राख आकाश में करीब 100 किमी तक उठी थी.
आवेशित राख के कणों के चलते बादल बनाने वाली वायुमंडल की ऊपरी सतह ‘आइनोस्फेयर’ में शॉर्ट सर्किट हुआ. इससे बादल बने और पूरे यूरोप में मूसलाधार वर्षा हुई थी.
कई राजनीतिक जानकारों के मुताबिक ज्वालामुखी विस्फोट ही ब्रिटिश नेतृत्व वाली गठबंधन सेना के हाथों नेपोलियन की शिकस्त का कारण था.
युद्ध में हारने के बाद नेपोलियन ने आत्मसमर्पण कर दिया था. मित्र राष्ट्रों ने उसे कैदी के रूप में सेंट हैलेना टापू पर भेज दिया. उसकी वहीं 52 वर्ष की उम्र में साल 1821 में मृत्यु हो गई.