आज सुशांत सिंह राजपूत की आखिरी फिल्म रिलीज ‘दिल बेचारा’ होने वाली है यह सोचते हुए अजीब सा महसूस हो रहा है। यह सुशांत की फिल्म होनी चाहिए थी आखिरी फिल्म नहीं। 2012 में जॉन ग्रीन की किताब ‘The Fault In Our Stars आयी थी।
2014 में इस उपन्यास पर ‘द फ़ॉल्ट्स इन ऑर स्टार्स’ (The Fault In Our Stars) नाम की एक फिल्म बनाई गयी थी। इसका निर्देशन जोश बून ने किया था। यह एक रोमांटिक ट्रैजडी फिल्म है।
इस फिल्म को अमेरिका में खास पसंद किया गया था। फिल्म 27 अलग-अलग कैटगरी के लिए नोमिनेट हुई और 18 अवार्ड जीत गयी। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छी ख़ासी कमाई की और लगभग 307.2 मिलियन डॉलर का बिज़नेस किया।
इसी फिल्म का बॉलीवुड रीमेक 6 अगस्त 2014 को ‘फॉक्स स्टार स्टुडियो’ ने किया था। इस फिल्म का निर्देशन मुकेश छाबड़ा ने किया है और लीड रोल में सुशांत सिंह राजपूत (Kizie)और संजना सांघी (Manny)है। फिल्म के गानों को कंपोज किया है एआर रहमान। कोरियोग्राफ फरहा खान ने किया है। फिल्म का ट्रेलर और गाने आते ही हिट हो गए हैं और सबसे ज़्यादा देखे जाने वाले ट्रेलर में आ गए हैं। इस फिल्म का बेसबरी से सभी को इंतज़ार था जो आज ख़त्म होने वाला है।
संजना सांघी ने इस बताया है कि वो अपने 16 साल की उम्र में किस कदर वो उस इस किताब की दीवानी थी। और जब यह फिल्म आई थी तब उन्होंने ‘द फॉल्ट इन ऑर स्टार्स’ देखने के लिए अपना स्कूल बंक किया था और फिल्म देखने चली गयी थीं।
सुशांत सिंह राजपूत की इस दुनिया से गए एक महीने के ऊपर हो चुका है लेकिन हम अभी भी इस दुख से उबर नहीं पा रहे हैं और न ही यह विश्वास कर पा रहे हैं कि अब सुशांत हमारे बीच नहीं है। आज सुशांत को लेकर तरह तरह की बहसे चल रही है बॉलीवुड में भाई भतीजावाद से लेकर गुटबाजी तक पर लोग बोल रहे हैं लेकिन अब इन सबका यही फायदा हो सकता है कि लोग आगे सतर्क हो जाएँ। हम पीछे जा कर कुछ ठीक नहीं कर सकते न ही सुशांत के लिए लड़ सकते हैं, न ही उनसे कह सकते हैं कि तुम्हारे साथ तो पूरी दुनिया थी।
सुशांत ने आत्महत्या के बाद लोगों ने डिप्रेशन जैसी मुद्दों पर बात करना शुरू किया और कहीं न कहीं यह भी समझा कि आदमी भीड़ में भी कितना अकेला हो सकता है। दौलत और शोहरत के बाद भी 34 साल के सुशांत को अपना भविष्य इतने अंधेरे में दिखने लगा कि उनहोंने आँखें ही बंद करना सही समझा और इस दुनिया को हुमेशा के लिए अलविदा कह गए। वो किस मानसिक स्थिति में रहे होंगे इसका अंदाज़ा भी नहीं लगाया जा सकता। सुशांत तारो से बाते करते थे चाँद पर जमीन खरीदते थे। उनके पास हमेशा सवालों कि पोटली होती थी काश 14 जून कि रात को एक भी सवाल के जवाब ढूँढने के लिए रुक जाते।