
आज से 25 साल पहले 1995 में एक फिल्म आयी थी जिसका नाम था कुली न. 1, 2020 में आयी है इसी फिल्म की ऑफिसियल रीमेक “कचरा न. 1” (माफ कीजिए आधिकारिक नाम कूली नं 1 ही है लेकिन…)। इसमें मुख्य किरदार निभाया है वरुण धवन ,सारा अली खान,परेश रावल, जावेद जाफरी, राजपाल यादव।
परेश, जावेद, राजपाल जैसे प्रतिभा का इससे बेहतर दुरुपयोग शायद ही कहीं और देखने को मिले। वरुण की ओवरएक्टिंग के तो क्या कहने। जावेद कई बार वरुण से कहते भी हैं कि ओवरएक्टिंग मत करो। इस फिल्म के संवाद लिखे है फरहाद सामजी ने। सामजी इसके साथ ही अभिनय कर के एक और एहसान कर दिया है। जनता इतने निम्न स्तर के संवाद और बकवास अभिनय के लिए इनको सदैव याद रखेगी।
फरहाद सामजी के कई असफल फिल्मों के बावजूद भी उनको काम कैसे मिल जाता है ये भी समझ से परे है। फरहाद ने ऐसे वाहियात डायलॉग लिखे हैं कि क्या कहने, इससे बेहतर तो स्कूल के बच्चे तुकबंदी कर लेते हैं।
डेविड धवन ले रहे हैं वरुण धवन से बदला
इस फिल्म के डायरेक्टर वही डेविड धवन हैं जिन्होंने पुरानी कुली न.1 को डायरेक्ट किया था। ऐसा लग रहा है कि डेविड ने वरुण से बचपन से ले कर अब तक जो भी गलतियां हुयी हैं उनका बदला लेने की ठानी है, तभी पहले जुड़वाँ अब कुली न.1 में वरुण को काम दिया।
फिल्म में वरुण ने तो न्यूटन के लॉ ऑफ़ मोशन की बैंड ही बजा दी है, चलती ट्रेन से भी अधिक रफ़्तार में दौड़े हैं जनाब, रजनीकांत भी ये दृश्य देख के शरमा जायेंगे। सारा अली खान ने अपना सारा ध्यान अभिनय से हटाकर खूबसूरत दिखने में लगाया है और वो खूबसूरत दिखी भी हैं लेकिन इससे ज़्यादा कुछ नहीं है उनके हिस्से में।
मिथुन चुक्रवर्ती की सस्ती नकल
वरुण ने मिथुन चक्रवर्ती की बेहद घटिया मिमिक्री की है। अमिताभ बच्चन और सलमान खान तक को कॉपी करने की कोशिश की है पर कर नहीं पाए। वरुण अपनी हर फिल्म में अपनी अभिनय क्षमता को सुधारने के बजाय नीचे गिराते जा रहे है जो गिर-गिर कर अब फूहड़ लगने लगी है।
वैसै तो ये एक मनोरंजक (कॉमेडी ) फिल्म है पर मनोरंजन के नाम पर इसमें कुछ भी नहीं है, पुरानी कुली में भी तर्क की कोई जगह नहीं थी पर गोविंदा के लाजवाब अभिनय और कॉमिक टाइमिंग ने इसे एक सुपरहिट फिल्म बना दिया था। पर नयी कुली में वरुण ऐसा कुछ नहीं कर पाए हैं।
ट्रांसजेंडरों का फूहड़ मजाक
आज के समय में ट्रांसजेंडर और शारीरिक विकलांगता का मजाक उड़ाकर उसे कॉमेडी समझने की भूल कॉमेडी से ज्यादा ट्रैजडी लगती है। ऐसी कोशिशें फिल्म को फूहड़ और घटिया बनाती हैं। फिल्म में दो पुराने गाने और दो नए गाने रखे गये हैं। नए गाने किसी काम के नहीं है और पुराने गाने का बैंड बजा कर रख दिया है।
फिल्म के अभी तक आये रिव्यू पढ़कर आप जान ही चुके होंगे कि जिसने भी यह फिल्म देखी है वह खुद को माफ नहीं कर पा रहा है। इस तरह के खीझ भरे रिव्यू लिखकर दिल को शांत करने की कोशिश कर रहा है।